राजस्थान के दर्शनीय स्थल,राजस्थान के प्रमुख दुर्ग व किले,राजस्थान के दुर्ग, राजस्थान के दर्शनीय स्थल
जेसलमेर का किला
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jaislemer ka kila |
- जैसलमेर का किला 1155 में जैसलसिंह भाटी ने बनवाया।
- इसे स्वर्णगिरी, राजस्थान का अंडमान, सोनगिरी, रेगिस्तान का गुलाब, गलियों का दुर्ग, पश्चिमी सीमा का प्रहरी, त्रिकूटगढ़ आदि नामों से जाना जाता है जो राजस्थान के पर्यटन स्थल की लिस्ट में शामिल है।
- त्रिकूटल पहाड़ी पर स्थित है।
- सर्वाधिक 99 बुर्ज है। 2009 में आई भूकंप से इस में दरारें पड़ गई।
- इस पर 2009 में 5 रुपए का डाक टिकट जारी किया गया।
सिवाना का किला
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sivana ka kila |
- निर्माता- वीर नारायण पंवार
- इसे मारवाड़ के राजाओं की शरणस्थली, जालौर दुर्ग की कुंजी, खेराबाद आदि नामों से जाना जाता है।
जूनागढ़
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junagarh fort |
- निर्माता रायसिंह ने 1588 में
- इसे जमीन का जेवर, बीकानेर का किला आदि नामों से जाना जाता है। इसका आकार चतुर्भुजाकार ) चतुष्कोणीय है।
- इस दुर्ग में एक भी शाका नहीं हुआ।
लालगढ़
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lalgarh fort (bikaner) |
- निर्माता गंगासिंह
- इसका निर्माण गंगासिंह ने अपने पिता लालसिंह की स्मृति में करवाया था।
जालौर का किला
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jalor fort |
- धारा वर्ष द्वारा पुनः निर्माण
- इसे जबालीपुर, स्वर्णगिरी, सोनलगढ़, वांचनगिरी,जालपुर, जालंधर दुर्ग, जलालाबाद आदि दुर्गों के नाम से जाना जाता है।
- 1311 में यहां शाका हुआ था।
भटनेर दुर्ग
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bhatner fort (hanumangarh) |
- निर्माता-भाटी नरेश भूपत
- उत्तर भड़किवाड़, हनुमानगढ़, उत्तरी सीमा का प्रहरी आदि नामों से जाना जाता है।
- इस किले परसर्वाधिक विदेशी आक्रमण हुए हैं।
आमेर का किला
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aamer fort (jaypur) |
- -निर्माता- कोकिल देव, पुनः निर्माण मानसिंह ने
- इसे आमेर दुर्ग, अम्बरीशपुर, अम्बावती नजरी आदि नामों से जाना जाता है। इसमें शीश महल, शिलादेवी का मंदिर, सुहाग मंदिर, केसर क्यारी, भूल- भूलैया, मावठाझील, दीवाने आम, दीवाने खास आदि स्थित है।
जयगढ़ का किला
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jaygarh fort (jaypur) |
- निर्माता- मानसिंह पुनः निर्माण जयसिंह ने.
- भारत का एकमात्र किला जिसमें तोप ढालने का एशिया का सबसे बड़ा कारखाना था।
- इसमें एशिया की सबसे बड़ी तोप जयबाण रखी हुई है।.
नाहरगढ़ का किला
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nahrgarh fort (jaypur) |
- निर्माता- 1734 में सवाई जयसिंहने
- इसे सुदर्शनगढ़, सुलक्षण दुर्ग, महलों का दुर्ग आदि कहते हैं।
- इसमें माधोसिंह ने अपनी नौ रानियों के लिए नौ महल 'विक्टोरिया शैली' में बनाएं।
चौमू का किला
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chhomu fort (jaypur) |
- निर्माता- 1559 में ठाकुर कर्णसिंह ने
- इसे चौमूहागढ़, सामंती दुर्ग, धाराधारगढ़, रघुनाथगढ़ आदि नामों से जाना जाता है।
तारागढ़
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taragarh fort (ajmer) |
- 1113 में अजयराज चौहान ने
- इसे राजस्थान का हृदय, राजपूताना की कुंजी, गढ़, बिठली, अजयमेरुदुर्ग आदि नामों से जाना जाता है। विशप हैबर ने इसे 'राजस्थान का जिब्राल्टर' कहा है।
- सर्वाधिक स्थानीय आक्रमण इसी किले पर हुए।
- इसमें घोड़े की मजार, मीरान साहब की दरगाह, रूठी रानी उमादे की छतरी, पृथ्वीराज स्मारक आदि स्थित है।
मैग्जीन का किला
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megjin fort (ajmer) |
- निर्माता- 1571-72 में अकबर ने
- वर्तमान में यहां राजपूताना म्यूजियम स्थित है।
- इसे अकबर का दौलतखाना, अकबर का किला आदि कहते हैं।
बूंदी का किला
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bundi fort |
- निर्माता- देवीसिंह हाड़ाने
- इसे तारागढ़। तिलस्मी किल्म आदि नामों से जाना जाता है।
- रुडयार्ड किपलिंग ने कहा ये किला मानवों ने नहीं बल्कि प्रेतों द्वारा बनाया गया है।
चूरू का किला
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churu fort |
- निर्माता- 1739 ठाकुर कुशाल सिंह द्वारा
- इस किले के ठाकुरों ने अपनी रक्षा हेतु शत्रुओं पर चांदी के गोले दागे थे।
सज्जनगढ़ का किला
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sajangarh fort (udaypur) |
- निर्माता-सज्जन सिंह
- इसे 'उदयपुर का मुकुटमणि' कहते हैं।
- इसका निर्माण बांसदरा नामक पहाड़ी पर करवाया गया है।
कोटा का किला
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kota fort |
- किलानिर्माता-जैतसिंह
- इस किले के बारे में कर्नल टॉड ने कहा-आगरा के किले को छोड़कर किसी भी किले का परकोटा इतना बड़ा नहीं जितना कि कोटागढ़ का है
बाला किला
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bala fort (alwar) |
- निर्माता-हसन खान मेवाती
- इसे अलवर का किला, बड़ा किला आदि नामों से जाना जाता है।
- इस किले में बाबर एकरात रुका था।
कंकवाड़ी
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kankwari fort (alwar) |
- इसमें औरंगजेबने अपने भाई दाराशिकोह को कैद रखा था।
नीमराना का किला
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nimrana fort (alwar) |
- यह पांच मंजिलादुर्ग है, अतः इसे पंचमहल भी कहते हैं।
अचलगढ़
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aachalgarh fort (sirohi) |
- निर्माता-पुनः निर्माण राणा कुंभा
- इसमें ओखारानी का महल, अचलेश्वर महादेव का मंदिर, कपूर सागर तालाब, सावन भादो झील स्थित है।
मांडलगढ़
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mandalgarh fort (bhilwara) |
- निर्माता-चानणा गुर्जर ने
- यह बनास बेडच व मेनाल के संगम पर स्थित है।
- इसका पुनः निर्माण महाराणा कुंभा ने करवाया था।
गागरोन का किला
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gagron fort (jhalawar) |
- निर्माता- डोडा राजपूत (परमार)
- इसे डोडगढ़/गर्गरापुर/ धूलागढ़ आदि नामों से जाना जाता है।
- कालीसिंहव आहू नदियों के संगम पर स्थित है।
- राज्य का एकमात्र किला, जो बिना नींव के चट्टान पर स्थित है।
- इसमें संत मीठेशाह की दरगाह, संत पीपा का छतरी आदि स्थित है।कोषवर्धन किला इसे शेरगढ़ का किला भी कहते हैं, जो परवन नदी के तट पर स्थित है।
नागौर का किला
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nagor fort |
- निर्माता-सामेश्वर के समांतर कैमास द्वारा विक्रम संवत 1211 में
- अकबर ने 1570 में नागौर दरबार यही लगाया।
- इसे नाम दुर्ग/नागाणा दुर्ग/ अहिछत्रपुर दुर्ग आदि नामों से जाना जाता है।
खींवसर का किला
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khinvsar fort (nagor) |
- मुगल साम्राट औरंगजेब इस किले में ठहरा था
कुचामन का किला
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kuchaman fort (nagor) |
- निर्माता-मेड़तिया शासक जालिम सिंह
- इस किले को जागीरदारों के किले का सिरमौर कहा जाता है।
चित्तौड़गढ़ का किला
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chittorgarg fort |
- निर्माता-8वीं सदी में चित्रागंद मौर्य द्वारा
- राज्य का एकमात्र किला जिसमें खेती की जाती है।
- राज्य का सबसे बड़ा लिविंग फोर्ट है।
- किले में मीरा मंदिर, कुंभ श्याम मंदिर, तुलजा भवानी माता का मंदिर, रैदासव कल्ला की छतरी, जयमल व पद्मिनी के महल, नवलखा भंडार, श्रृंगार चवरी, गौमुख कुंड, भीम कुंड,कलिका माता मंदिर आदिबने हुए है।
- इस किले पर प्रथम आक्रमण अफगानिस्तान के सूबेदार मामूने किया।
- इस किले में 1303,1534 व 1568 में (3 शाके) शाक हुए।
- निर्माता-भैंसाशाह नामक व्यापारी व रोड़ा चारण द्वारा
- यह किला चंबल में बामनी नदी के मुहाने पर स्थित है।
- यह जल दुर्ग है।
- इसे 'राजस्थान का वेल्लौर कहते हैं।
कुंभलगढ़ का किला
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kumbhalgarh fort (rajsamand) |
- निर्माता - महाराणा कुंभा
- यह मच्छेद्र, कमलमीर,कुंभपुर आदि नामों से जाना जाता है।
- इस किले का वास्तुकार मंडन था।
- इस किले की दीवार इतनी चौड़ी है कि चार घुड़सवार एक साथ चल सकते हैं।
- कर्नल टॉड ने इसे सुदृढ़ बना होने के कारण *एट्रास्कॉन' की उपमा दी है।
- 1540 में महाराणा प्रतापका जन्म इसी किले में हुआ।
मेहरानगढ़
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mehrangarh fort (jodhpur) |
- निर्माता - राव जोधा
- इसे चिड़िया ट्रंक, मदूर ध्वजगढ़, गढ़ चिंतामणि, सूर्यगढ़, कागमुखी आदि नामों से जाना जाता है।
- इसी नीव में नरबलि (राजाराम खेड़ला की) दी गई थी।
- इसके बारे में रुडयार्ड क्लिपिंग ने कहा है-इसका निर्माण शायद परियों व फरिश्तों ने किया है।
भरतपुर का किला
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bhartpur fort |
- निर्माता-1733 में सूरजमल जाट
- इसे लोहागढ़, मिट्टी का किला, अजयगढ़, अमेघ दुर्ग, पूर्वी सीमांत का प्रहरी आदि नामों से जाना जाता है।
- इस दुर्ग में अष्टधातु के किवाड़ लगे हैं।
रणथम्भौर का किला
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ranthambhor fort (swai madhopur) |
- निर्माता-8वीं शताब्दी में ठाकुर रतिदेव
- इस किले का आकार अंडाकार है।
- इसे दुर्गाधिरज, हमीर की आन-बान का प्रतीक आदि नामों से जाना जाता है।
- इस किले के बारे में अबुल फजल ने कहा कि-"अन्य सब दुर्ग तो नंगे हैं जबकि यह दुर्गबख्तरबंद है।"
- 1301 में रानी रंगादेवी के नेतृत्व में यहां जल जोहर हुआ था।
- . इसमें 32 खंभों की छतरी, त्रिनेत्रगणेशजी का मंदिर आदि स्थित है।
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