जाटों का इतिहास, जाटों की उत्पत्ति, जाटों के पूर्वज, जाट का धर्म व जाट समाज की संपूर्ण जानकारी

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हम आज आपको बताएंगे हमारे देश की जाट जाती के बारे में, जाट कैसे होते हैं इसका अनुमान आप लगा सकते जिनके पास जमीन जायदाद और जिगरा तीनों भरपूर होते हैं फिर भी इनसे ज्यादा कोई डाउन टू अर्थ नहीं होता

करोड़ों के मालिक होने के बाद भी खटिया पर सोना पसंद करते हैं साथ हि जिनके लिए कहा जाता है कि दोस्ती अपनी जान से बढ़कर निभाते हैं और दुश्मनी में जान लेने को भी तैयार हो जाते हैं आज जाट जाति के बारे में बात करेंगे तो इनका  पूरा इतिहास मिलेगा आपको इस पोस्ट में 


जाटों का इतिहास
जाटों का इतिहास

जाटो की विशेस्ताए 

जाट मूल रूप से उत्तर भारत और पाकिस्तान पाया जाने वाला पारंपरिक रूप से कृषकों का एक जाति समुदाय हैं इनका इतिहास बहुत गौरवशाली और प्राचीन है, जाट क्षत्रिय वर्ग में आते हैं और ये शारीरिक रूप से मजबूत और आकर्षक व स्वभाव से उत्साही मेहनती और दबंग भी होते हैं जाट एक प्रमुख कृषक समुदाय है जो अपनी जमीन के मालिक होते हैं इन्हें 16वी  शताब्दी में अकबर के समय से जमीदारों के रूप में जाना जाता है जाटों के कैरेक्टर के बारे में कहा जाता है कि जाट मरते समय अपने उत्तराधिकारी को यह बताता है कि किस किस कितना कर्ज चुकाना ताकि उसके मान और जान पर किसी का कर्ज ना रहे,


जाट किस कैटेगरी में आते हैं, जाट आरक्षण का इतिहास

पंजाब और हरियाणा में जाटों को आरक्षण का फायदा नहीं मिलता में आते हैं यानि की जनरल केटेगरीमें आते है वर्ष 2016 जाटो अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन किया था हालांकि 7 राज्यों में आन्दोलन से पहले OBC का दर्जा मिल चूका था वो 7 राज्य हैं दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेशऔर छत्तीसगढ़ है आपको बता दे राजस्थान के भरतपुर और धोलपुर को obc सूचि से बाहर रखा गया है क्योकि यहाँ पहले जाट राजाओं का शासन था, जाट राजस्थान में ओबीसी आरक्षण केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण का हकदार है 


जाटों की जनसंख्या 

भारत में जातिगत जनगणना की व्यवस्था नहीं होने से किसी भी जाती की स्टिक जनसख्या बताना थोडा मुस्किल है लेकिन हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक साल 2012 में भारत में जाटों की जनसंख्या 8.25 करोड़ थी इससे हम अनुमान लगा सकते है की जाटो की वर्तमान जनसंख्या 10 से 12 करोड़ हो सकती है 


jat population in india, भारत में जाट का प्रतिशत कितना है?

पंजाब में जाट 30 से 35% है

हरियाणा में जाट  27% है 

राजस्थान में जाट 12% है

उत्तर प्रदेश में जाट 6-8% है

दिल्ली में जाट लगभग 8% है 


जाट भारत में मुख्य रूप से उत्तरी भारत में पाए जाते हैं हरियाणा पंजाब दिल्ली और राजस्थान में जाटों की अच्छी आबादी है इन राज्यों के अलावा जाट पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में भी रहते हैं पंजाब में इन्हें जट्ट जट्ट या जट कहते हैं बाकी राज्य मैं इन्हें जाट या कहा जाता है गुजरात में जाट को आंजना या आंजना चौधरी के नाम से जाना जाता है 

भारत के अलावा जाट एक और देश में पाए जाते हैं और वह कोई और नहीं पाकिस्तान है, पाकिस्तान में जाट विशेष रूप से पंजाब और बलूचिस्तान प्रांत में पाए जाते हैं गुजरावाला मुल्तान बहावलपुर डेरा इस्माइल खान पीओके में इनकी आबादी पाई जाती है 


जाट किस धर्म को मानते हैं 

जाट मूल रूप से हिंदुओं की जाति का समुदाय है  जाटों की धार्मिक पहचान कैसे हुई  इसके बारे में इतिहासकार कैथेरिन अशेरऔर सिंथिया टालबोट ने डिटेल से बताया है उन्होंने बताया की पंजाब व दुसरे उतरी क्षेत्रो में बसने से पहले उनका दुसरे धर्मो से काफी कम सम्पर्क था दुसरे धर्म के संपर्क में आने के बाद उन्होंने उस क्षेत्र के प्रमुख धर्म को अपनाना शुरू कर दिया,  समय के साथ जाट मुख्य रूप से पश्चिमी पंजाब में मुस्लिम,पूर्वी पंजाब में सिख और दिल्ली व आगरा के मध्य रहने वाले जाट हिन्दू बन गए

शोधकर्ता deryck o lodrick ने जाटो के धर्म  के आधार पर विभाजन का अनुमान लगाया कि 47% हिंदू , 33% मुस्लिम और 20% सिख है 



जाट शब्द आया कहा से, जाट शब्द की उत्पत्ति या जन्म कहां से हुआ, जाट शब्द का अर्थ

  1. जाट शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द ज्ञात से हुई है ज्ञात  से जब जात बना और फिर धीरे-धीरे समय के साथ यह जाट जाट बन गया 

  2. जाट शब्द जट्टा से बना है जट्टा  पशु चराने वाले और ऊंट के  मालिक या चरवाहों के लिए एक शब्द हुआ करता था जो समूह में घूमते हैं 

  3. तीसरी पुरानी मान्यता है कि जाट समाज की उत्पत्ति भगवान शिव की जटाओं से हुई है इसलिए जाट शब्द की उत्पत्ति जटा से भी हुई है


जाटों की उत्पत्ति कैसे हुई

जाट जाति के बारे में कई कहानियां और इतिहासकारों की अलग अलग मान्यता है अगर पुरानी कथाओ की माने तो जाट जाति की उत्पत्ति भगवान शिव की जटाओ से हुई इसका उल्लेख देव सहिता पुस्तक में मिलता है इस मान्यता को माने तो भगवान शिव के ससुर राजा दक्ष ने हरिद्वार के नजदीक कनखल में एक बड़े यज्ञ का आयोजन किया उसके लिए उन्होंने भगवान शिव को छोड़कर सभी देवताओं को निमंत्रण दे दिया जब भगवान शिव की पत्नी सती को यज्ञ के बारे में खबर मिली तो माता सती ने बिना निमंत्रण के पिता की यज्ञ में जाने के लिए महादेव से आज्ञा मांगी और  भगवान शिव ने  परमिशन दे दी कि उनकी पुत्री हो और तुम अपने पिता के घर बिना निमंत्रण के भी जा सकती हो माता सती जब पिता के घर पहुंची तो राजा दक्ष ने उनके साथ सही व्यवहार नहीं किया और महादेव के लिए कोई स्थान निर्धारित नहीं था राजा दक्ष द्वारा भगवान शिव का अपमान किया गया और उनके बारे में भला बुरा कहा गया, पिता के अपमान से आहत होकर माता सती ने हवन कुंड में कूद कर अपने प्राण त्याग दिए जब महादेव को इस बात का पता चला तो उन्होंने अपनी जटा को खोलकर जमीन पर पटका जिससे वीरभद्र नाम का महाशक्तिशाली और पराक्रमी गण उत्पन हुआ,उन्होंने वीरभद्र को राजा दक्ष के यज्ञ को तहस-नहस करने के लिए भेजा और वीरभद्र ने यज्ञ को नष्ट कर दिया और जितने भी आमंत्रित हैं उनको सबके सामने लजित किया व राजा दक्ष का सिर काट दिया भगवान विष्णु और सभी देवी देवता भगवान शिव को मनाने पहुंचे और उनसे राजा दक्ष को क्षमा करने की याचना  कि भगवान शिव ने शांत होकर राजा दक्ष को पुनर्जीवन दे दिया इस मान्यता के अनुसार वीरभद्र जो जाटों के पूर्वज माने जाते है उनसे जाट समाज की उत्पत्ति हुई है 


जाट कौन से वंश के हैं

इसके अलावा इक और मान्यता है जिसके अनुसार जाट लोग युधिष्ठिर के वंशज है कुछ इतिहास और विद्वानों का मानना है कि जाट जाति की उत्पत्ति जेष्ठ शब्द से हुई है इस मान्यता की मानें तो राजसूय यज्ञ के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को जेष्ठ घोषित किया था और फिर समय-समय पर के ही वंशज हि जेष्ठ से जेठर और जेटर तथा जाट के नाम से जाने जाने लगे 


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इतिहासकार विसेंट स्मिथ, जेम्स टॉड और कनिंघम के अनुसार जाट इंडो सिथिम मुल्क के है जो बाहर से भारत में आए उन्होंने शुरुआत में भारत पर आक्रमण किया और बाद में यही बस गए, 


जाट कहा से आये थे

यूनानी इतिहासकार पिल्नियो और टोलोमी का कहना है कि जाट मूल रूप से ओक्स नदी के तट पर रहते थे जो ईशा से लगभग एक सदी पहले भारत में आकर बस गए 

कुछ इतिहासकारो का मत है कि जाट मूल रूप से इंडो आर्यन मूल के हैं ये भारत के सबसे प्राचीन लोगों में से एक है 


तो आज इस पोस्ट में हमने जाट जाती के इतिहास से जुड़ी संपूर्ण जानकारी आपको देने की पूरी कोसिस की है अगर इसमें हमसे कुछ गलत या कुछ छूट गया है तो वो भी आप बता सकते है हम जरूर उसपर विचार करेंगे और इसमें ऐड कर देंगे

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