भरतपुर जिला दर्शन, bharatpur jila darshan

भरतपुर जिला दर्शन

भरतपुर जिला map
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भरतपुर - चार जून दो हजार पांच को भरतपुर राजस्थान राज्य का नवीनतम सातवाँ सम्भाग बना।

  • भरतपुर का क्षेत्रफल 5066 वर्ग किलोमीटर है।
  • भरतपुर को राजस्थान का पूर्वी सिंह द्वारा पक्षियों का स्वर्ग स्थल तथा राजस्थान का प्रवेशद्वार कहते हैं।
  • भरतपुर के पूर्व में हरियाणा, उत्तर प्रदेश के आगरा व मथुरा, पश्चिम में करोली तथा अलवर, उत्तर में हरियाणा का गुडगांव तथा दक्षिण में धौलपुर स्थित है।
  • भरतपुर पर जाटों का सासन था जाट वंस का वास्तविक संस्थापक बदन सिंह को माना जाता है। बदन सिंह ने भरतपुर के डीग में जल महलों का निर्माण करवाया। डिंग को जल महलों की नगरी कहते हैं। बदन सिंह के बाद भरतपुर का सास्क सूरजमल हुआ। इसे जाटों का लूटो एवं जातट अपलतल कहा जाता है। महाराजा सूरजमल ने लोहागढ दुर का निर्माण करवाया।

बाणगंगा नदी - इसका उद्गम जयपुर की बैराठ की पहाडियाँ हैं। भरतपुर में इस पर अजान बांध बना हुआ है।  बाणगंगा का उपनाम अर्जुन की गंगा है 

 रूपारेल नदी - यह नदी अलवर जिले के थानागाजी से निकलती है तथा भरतपुर में समाप्त हो जाती है। रूपारेल नदी भरतपुर की जीवन रेखा या भरतपुर की लाइफ लाइन कहलाती है। भरतपुर में एक अन्य नदी बहती है जिसका नाम है गंभीर  दोसतो ध्यान रहे गंभीरी नदी राजस्थान के दक्षिणी भाग में बहती है जबकि केवल गंभीर नदी भरतपुर में बैहती है। गंभीर और गंभीरी दोनों अलग अलग नदियाँ है। अन्य जलाशयों में मोतीझील तथा बंद बारेठा बांध भरतपुर में स्थित है  बंद बारेठा बांध एक अभ्यारण्य भी है 

बंद बारेठा अभ्यारण्य - इसे परिंदों का घर कहते हैं। इस अभ्यारण्य की स्थापना 1985 को हुई। यह जरखों के लिए भी प्रसिद्ध है। इस अभ्यारण्य में बारेठा  नामक प्रसिद्ध झील भी है।

वन्यजीव अभ्यारण ने केवलादेव घना पक्षी विहार - इसकी स्थापना सन् 1956 में हुई। सत्ताईस अगस्त उन्नीस सौ इक्यासी को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया। राजस्थान में दूसरा राष्ट्रीय उद्यान है यानी केवलादेव घना पक्षी विहार राजस्थान का दूसरा राष्ट्रीय उद्यान है। राजस्थान का पहला जो राष्ट्रीय उद्यान है वह रणथम्बोर है जो कि सवाईमाधोपुर में स्थित है। केवलादेव में सीट ऋतु में हजारों पक्षी विदेशों से आते हैं। इनमें साइबेरियन सारस प्रमुख है। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को 1985 में यूनेस्को की प्राकृतिक धरोहर की  सूची में शामिल कर लिया गया है। केवलादेव घना पक्षी विहार के कारण ही भरतपुर को पक्षियों का स्वर्ग भी कहा जाता है। 

लोहागढ दुर्ग - इस की नींव  18वि सदी में महाराजा सूरजमल जाट ने रखी है। इसके लिए कहा जाता है कि जो लोहागढ़ दुर्ग है इसका निर्माण सत्रह सौ पैंतीस से  सत्रह सौ बासठ के मद्दे हुआ। इसे मिट्टी का दुर्ग, अजय दुर्ग भी कहते हैं। इस दुर्ग के प्रवेश द्वार पर अष्टधातु का दरवाजा महाराजा जवाहरसिंह ने  लाल किले से लाकर लगाया था। इस दरवाजे को अलाउद्दीन खिलजी चित्तोड से सीरी ले गया था। वहाँ से शाहजहा दिल्ली के लालकिले पर ले गया। उन लालकिले से महाराज जवारसिंह इसे भरतपूर ले आया था जो कि लोहागढ  पर है।

डीग का किला - सत्रह सौ तीस में बदन सिंह द्वारा निर्मित डीग को जल महलों की नगरी कहा जाता है। डीग के जल महल फ्वारो के लिए भी प्रसिद्ध है।

बयाना दुर्ग - इसके उपनाम है सुल्तान कोट, बाणासुर तथा बादशाह दुर्गा। इसका निर्माण विजयपाल द्वारा दमदमा पहाडी जिसे की मानी पहाडी भी कहते हैं। इस दुर्ग में उसा मस्जिद है। कई लोग उसा मस्जिद को उसा मंदिर के नाम से पुकारते हैं, जो कि भरतपुर के बयाना दुर्ग में है तथा लाल पत्थरों से निर्मित आठ  मंजिला भीम लाख है। यह दुर्ग अनगिनत कब्रों के लिए प्रसिद्ध है। अकबर की छतरी इस दुर्ग में स्थित है यानी अकबर की छतरी भी यहाँ पर स्थित है तो ये सब बयाना दुर्ग में है जो कि भरतपुर में स्थित है।

तवनगढ या त्रिभुवनगढ़ - इस दुर्ग में ननद-भोजाई का कुआ है जो कि भरतपुर में है।

वेर का किला - इसके चारों तरफ प्रताप नहर है।


  • भरतपुर के राजाओं का राज्याभिषेक समारोह जवाहर बुर्ज पर होता था, जो कि लोहागढ में है। बृज महोत्सव भरतपुर में फरवरी के महीने में मनाया जाता है।
  • भरतपुर के जाटों के कुल देवी राजराजेश्वरी माता है, जिसका मंदिर लोहागढ दुर्ग में है।
  • राजस्थान का एकमात्र लक्ष्मण मंदिर लोहागढ़ दुर्ग भरतपुर में स्थित है। इसके लिए कहा जाता है कि ये राजस्थानी नहीं बल्कि भारत का भी एक मात्र लक्ष्मण मंदिर है।

गंगा मंदिर - इसका निर्माण बलवंत सिंह ने अठारह सौ चालीस में करवाया इसमें गंगा जी की मूर्ति बृजेंद्र जी ने स्थापित करवाई इस मंदिर की दो मंजिला इमारत चोरासी खंबों पर टिकी हुई है।

कुम्हेर - भरतपुर की प्राचीन काल में राजधानी इसके महलों का निर्माण सूरजमल ने अपनी पत्नी हंसिया के लिए करवाया। यहाँ पर 1754 में सूरजमल ने मराठो तथा मुगलों की संयुक्त सेना को पराजित किया था।

जेव उर्वरक का प्रथम कारखाना - सहकारी क्षेत्र में जैव उर्वरक का पहला कारखाना भरतपुर में है, जिसकी स्थापना नेशनल फेडरेशन फोर कॉपरेटिव मार्केटिंग द्वारा की गई।

  • भरतपुर में मेवाती एवं ब्रजभाषा बोली जाती है। भरतपुर में नगाडे की धुन पर एवं रसिया गायन पर किया  जाने वाला बम रसिया नृत्य प्रसिद्ध है जो की सर्वाधिक प्रसिद्ध डीग का है। यह नृत्य नई फसल आने की खुशी में तथा होली की मौज मस्ती में किया जाता है?
  • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने सरसों पर बुनियादी सामरिक और अनुप्रयुक्त अनुसंधान के लिए 20 अक्टूबर 1993 को राष्ट्रीय सरसों अनुसंधान केंद्र की स्थापना भरतपुर राजस्थान में की, जो कि सेवर नामक स्थान पर है।
  • भरतपुर में गुलाबी रंग का संगमरमर मिलता है।
  • रेल के वेगन बनाने का कारखाना सिमको जिसकी स्थापना 13 जनवरी 1957 को हुई। भरतपुर में है।
  • प्रसिद्ध लोकदेवता देव बाबा का मेला नगला जहाजपुर भरतपुर में भरता है  देव बाबा को पशु चिकित्सा का ज्ञान था। इन्हें गो वालों का देवता भी कहते हैं।

रूपवास - यहाँ का बसंत मेंला प्रसिद्ध है।

  • बयाना के प्राचीन नाम सोनितपुर, सिरीपन, सिरीपुर और बाणपुर हैं।
  • बयाना का युद्ध बाबर में संग के बीच सोलह फरवरी पंद्रह सौ सत्ताईस को हुआ। इस युद्ध में सांगा की विजय हुई।
  • बयाना नील की खेती के लिए भी प्रसिद्ध था 

खानवा का मैदान - रूपवास तहसील के नजदीक इस मैदान पर सत्रह मार्च पंद्रह सौ सत्ताईस को सांगा व बाबर के बीच निर्णायक युद्ध हुआ। इसमें बाबर विजयी हुआ।

  • लाल दासी सम्प्रदाय की प्रधानपीठ नगला भरतपुर में है। संत लालदास जी की यहाँ पर सोलह सौ अडतालीस में मृत्यु हुई थी।
  • वल्लभ संप्रदाय की चौथी पीठ जोकि गोकुलचंद जी की एवं सातवीं पीठ मदन मोहन जी की कामा भरतपुर में है।
  • जेन तीर्थंकर आदिनाथ एवं नेमिनाथ की मूर्तियां जगना भरतपुर से प्राप्त हुई।
  • भरतपुर बर्ड पेराडाइज नामक पुस्तक सर मार्टिन इवांस द्वारा लिखी गई है।
  • मुर्रा नस्ल की भैंसों का प्रजनन केंद्र कुम्हेर भरतपुर में है।
  • राजस्थान में गुप्त नरेशों की सबसे बडी निधि बयाना भरतपुर से प्राप्त हुई है, जिसमें अठारह सौ इक्कीस सीखे हैं।

  • सरसों का तेल इंजन मार्क भरतपुर का प्रसिद्ध है।
  • राज्य में सौर ऊर्जा चलित मिल्क चिलिंग प्लांट भरतपुर में है।
  • लाल गर्दन वाला तोता केवलादेव अभ्यारण्य में पाया जाता है।
  • इत्तर बनाने में उपयोगी खस घास भरतपुर में उत्पन्न होती है।
  • सासी जनजाति सर्वाधिक भरतपुर में निवास करती है।
  • घना नेशनल पार्क में शिकार को रोकने के लिए चलाई गई तकनीक एसआईएस यानी  कि सीक्रिट इन्फॉर्मेशन सिस्टम है।
  • हाल ही में भरतपुर में महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय की स्थापना करने की घोषणा  की गई है।
  • भरतपुर प्रजामंडल की स्थापना गोपीलाल यादव की अध्यक्षता में  युगल किशोर चतुर्वेदी तथा मास्टर आदित्येंद्र ने की थी।
  • ड्रग वेयर हाउस भरतपुर में स्थापित किया गया है।
  • गोकुल जी वर्मा को सेर-ए-भरतपुर के नाम से जाना जाता है।
  • होली के अवसर पर जिकडी एवं सुरंगों का आयोजन भरतपुर में होता है।
  • नोटंकी भरतपुर का प्रसिद्ध लोग नाट्य हैं जिसकी शुरुआत डीग निवासी भूरेलाल ने की।


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