कपड़े की कटाई कैसे करें, कपड़े की कटाई सिलाई, कटाई-सिलाई थ्योरी, kapde ki cutting
यह भी देखे सिलाई मशीन में धागा डालने का तरीका
कपड़े की कटाई करते समय सावधानिया
सही नाप के बाद सिलाई की सफलता दो बातों पर निर्भर
करती है :कटाई में सावधानी और सिलाई में सफाई। चूंकि
नाप के बाद व सिलाई से पूर्व कटाई से ही वास्ता पड़ता है और
यही टेलरिंग की जान है; यह महत्त्वपूर्ण बुनियादी ज्ञान बहुत
आवश्यक है। यद्यपि 'मास्टर-कटिंग' एक लंबे अभ्यास की
अपेक्षा रखती है और सही ड्राफ्टिग सीख लेने के बाद भी हर
कदम पर सोच-विचार और सावधानी की आवश्यकता होती
है; फिर भी ड्राफ्टिग का बुनियादी ज्ञान प्राप्त करने के साथ
सही कटाई के कुछ गुर ध्यान में रख लेना ठीक होगा। सिलाई
में सफाई कितनी भी हो, यदि कपड़ा ठीक ढंग से काटा ही नहीं
गया है तो वस्त्र की फिटिंग में सुघड़ता आ ही नहीं सकती।
यह भी देखे सिलाई मशीन में धागा डालने का तरीका
कपड़े की कटाई करते समय सावधानिया
सही नाप के बाद सिलाई की सफलता दो बातों पर निर्भरकरती है :
नाप के बाद व सिलाई से पूर्व कटाई से ही वास्ता पड़ता है और
यही टेलरिंग की जान है; यह महत्त्वपूर्ण बुनियादी ज्ञान बहुत
आवश्यक है। यद्यपि 'मास्टर-कटिंग' एक लंबे अभ्यास की
अपेक्षा रखती है और सही ड्राफ्टिग सीख लेने के बाद भी हर
कदम पर सोच-विचार और सावधानी की आवश्यकता होती
है; फिर भी ड्राफ्टिग का बुनियादी ज्ञान प्राप्त करने के साथ
सही कटाई के कुछ गुर ध्यान में रख लेना ठीक होगा। सिलाई
में सफाई कितनी भी हो, यदि कपड़ा ठीक ढंग से काटा ही नहीं
गया है तो वस्त्र की फिटिंग में सुघड़ता आ ही नहीं सकती।
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इसी तरह कपड़ा काटने से पूर्व यदि ठीक से 'ले-आउट'
नहीं किया गया या कपड़े का हिसाब ठीक नहीं लगाया गया, तो
सिलाई की बचत कपड़े की बरबादी में खप जाएगी।
निष्कर्ष रूप में, सही कटाई के लिए ये बातें आवश्यक हैं:
(1) सही ड्राफ्टिग (2) 'ले-आउट' (3) कपड़े का हिसाब लगाना (4) पैटर्न बनाना (5) साधारण वस्त्रों के बाद फैशन-डिजाइनों पर अभ्यास। आइए, इन्हें क्रमशः समझें।
सही ड्राफ्टिग
1. ड्राफ्टिग का अभ्यास पहले काले या नीले गर्म कपड़े वाले
'ड्राफ्टिग-टेबल' पर या मेज पर पुराना कंबल बिछाकर उस
पर करिए। जब तक सही रेखाएं खींचने और गोलाइयां
निकालने का अच्छा अभ्यास न हो जाए, तब तक बार-बार
चॉक से ड्राफ्ट्स बनाइए। एक आकृति को ब्रश से मिटाकर
दूसरी-तीसरी बार बनाइए। पूरी आकृति समझ में आ जाने
पर यही ड्राफ्टिग पहले छोटे कागज पर छोटे स्केल से करिए
और सही स्थानों पर काटकर देख लीजिए। इसके बाद बड़े
खाकी कागज पर बड़े नाप के पैटर्न बनाइए। सही काट का
आत्मविश्वास हो जाने पर ही नये कपड़े को हाथ में ले।
नहीं किया गया या कपड़े का हिसाब ठीक नहीं लगाया गया, तो
सिलाई की बचत कपड़े की बरबादी में खप जाएगी।
निष्कर्ष रूप में, सही कटाई के लिए ये बातें आवश्यक हैं:
सही ड्राफ्टिग
1. ड्राफ्टिग का अभ्यास पहले काले या नीले गर्म कपड़े वाले'ड्राफ्टिग-टेबल' पर या मेज पर पुराना कंबल बिछाकर उस
पर करिए। जब तक सही रेखाएं खींचने और गोलाइयां
निकालने का अच्छा अभ्यास न हो जाए, तब तक बार-बार
चॉक से ड्राफ्ट्स बनाइए। एक आकृति को ब्रश से मिटाकर
दूसरी-तीसरी बार बनाइए। पूरी आकृति समझ में आ जाने
पर यही ड्राफ्टिग पहले छोटे कागज पर छोटे स्केल से करिए
और सही स्थानों पर काटकर देख लीजिए। इसके बाद बड़े
खाकी कागज पर बड़े नाप के पैटर्न बनाइए। सही काट का
आत्मविश्वास हो जाने पर ही नये कपड़े को हाथ में ले।
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2. सीखते समय पहले सामान्य नापों पर ही अभ्यास करें।
बे-प्रमाण नापों और फैशन डिजाइनों को बाद में लेना ठीक
होगा।
3. ड्राफ्ट बनाते समय लंबे फुट के स्थान पर तिकोने गुनिया
का प्रयोग करना चाहिए। इससे दोनों ओर की लाइनें सीधी
आएंगी। कागज पर छोटे गुनिया की सहायता से, बारीक नोक
की पेंसिल से ड्राफ्टिग करिए। बड़े कागज के पैटर्न में तथा गर्म
कपड़े पर अभ्यास करते समय पूरे नाप के ड्राफ्ट चॉक और
बड़े गनिया से बनाइए।
4. ड्राफ्ट बनाते समय सहायक लाइनें हलकी खींचिए और
मुख्य लाइनें गहरी। यदि कोई लाइन गलत खिच जाए तो उसे
मिटाइए या काटिए। अन्यथा कपड़ा काटने में भूल हो सकती
है। ड्राफ्टिग के समय चॉक को सीधा चलाइए, नोक से नहीं।
नोक केवल निशान लगाने के काम में लाइए। गोलाई बनाते
समय गुनिया में बनी गोलाइयों का सहारा लिया जा सकता है
पर चॉक से गोलाइयां निकालने का अभ्यास अलग से भी
करना चाहिए।
5. किसी वस्त्र के ड्राफ्ट या पैटर्न का अर्थ है, तैयार वस्त्र की
फिटिंग। सिलाइयों के दबाव, अतिरिक्त दबाव और हेम
अलग से लिए जाने चाहिए। इसलिए 'पेपर-पैटर्न' को तैयार
नाप पर. काटिए और कपड़े पर ड्राफ्टिग करते समय मुख्य
रेखाओं के बाहर दबाव-रेखा बिन्दुओं में (........) बनाइए।
इस तरह सहायक लाइनें हलकी, मुख्य लाइनें गहरी और
दबाव-लाइनें बिन्दुओं में होने से कटाई में भूल होने की
संभावना नहीं रहेगी तथा सीते समय भी बार-बार नापना नहीं
पड़ेगा।
6. नये कपड़े पर ड्राफ्ट बनाते समय कपड़े को उलटी ओर
से तह करना चाहिए, ताकि निशान सीधी ओर न दिखाई दें।
कपड़े को हमेशा पहले चौड़ाई में तह करें, फिर लंबाई में।
परन्तु आस्तीनों को ड्राफ्ट करते समय कपड़े को पहले लंबाई
में व फिर चौड़ाई में तह करना चाहिए। यह अभ्यास न रखने
पर काटने में गलती हो सकती है। जैसे दोनों ओर सामने का
मुड्ढा गहरा कटना चाहिए, पर तह गलत होने पर एक भाग
पीछे का व एक सामने का गहरा कट सकता है और आस्तीने
दोनों ही एक तरफ की बन सकती हैं।
7. यदि कपड़े के डिजाइन में सीधा-उलटा भाग है, फलों
का प्रिंट एक दिशा में है या धारीदार कपड़े में आड़ी-टेढ़ी
रेखाओं में डिजाइन बनाना है तो 'पेपर-पैटर्न' की सहायता से
ड्राफ्टिग और कटाई करनी चाहिए; अन्यथा गलती हो सकती
है। फैशन डिजाइनों में, विशेष रूप से रंगीन नमूनों और
योक-नमूनों में तो 'पेपर-पैटर्न' बनाकर ही काटना चाहिए,
ताकि मध्य-जोड़ों पर दोनों ओर सिलाई के भाग का सही
अनुमान लगाया जा सके। जब कपड़ा कम दिखाई दे, तब भी
'पेपर-पैटर्न' की सहायता से 'ले-आउट' करके हिसाब
निकालने में आसानी होगी। अतः ऐसे सभी वस्त्रों में सीधे
कपड़े पर ड्राफ्टिग नहीं करनी चाहिए।
8. नये कपड़े पर ड्राफ्ट करने से पूर्व सिकुड़ने वाले कपड़े को
पहले धिक कर लें, फिर इस्तरी से जमाएं। रेशमी कपड़े को
भी इस्तरी से जमाकर बिछाएं कि काटते समय सभी तहें
बराबर आएं और कपड़ा खराब न हो। यदि सूती कपड़ा धिक
नहीं किया गया है तो दबाव के हिस्से बढ़ाकर रखिए। बच्चों
के वस्त्रों में भी यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि वस्त्र छोटा
पड़ने पर खोलकर ठीक किया जा सके।
9. कपड़े की ड्राफ्टिग कभी-भी हाथ में लेकर न करें, उसे
टेबल पर या समतल जमीन पर बिछाइए। कैंची चलाते समय
भी कपड़े को जमीन पर या मेज, या तख्ते पर जमा रहने
दीजिए। उसे हाथ में लेकर कभी नहीं काटना चाहिए।
10. कमीज, कुरते, ब्लाउज़ आदि की ड्राफ्टिग के समय
गले का भाग बाईं ओर सामने तथा घेर दाईं ओर रखना
चाहिए और नेकर, पैंट, पाजामे आदि का ड्राफ्ट बनाते समय
मोहरी बाईं ओर व आसन का भाग दाईं ओर सामने रखना
चाहिए। इस तरह कपड़ा रखने से आप सही ढंग से सही कटाई
का अभ्यास कर सकेंगे
बे-प्रमाण नापों और फैशन डिजाइनों को बाद में लेना ठीक
होगा।
का प्रयोग करना चाहिए। इससे दोनों ओर की लाइनें सीधी
आएंगी। कागज पर छोटे गुनिया की सहायता से, बारीक नोक
की पेंसिल से ड्राफ्टिग करिए। बड़े कागज के पैटर्न में तथा गर्म
कपड़े पर अभ्यास करते समय पूरे नाप के ड्राफ्ट चॉक और
बड़े गनिया से बनाइए।
मुख्य लाइनें गहरी। यदि कोई लाइन गलत खिच जाए तो उसे
मिटाइए या काटिए। अन्यथा कपड़ा काटने में भूल हो सकती
है। ड्राफ्टिग के समय चॉक को सीधा चलाइए, नोक से नहीं।
नोक केवल निशान लगाने के काम में लाइए। गोलाई बनाते
समय गुनिया में बनी गोलाइयों का सहारा लिया जा सकता है
पर चॉक से गोलाइयां निकालने का अभ्यास अलग से भी
करना चाहिए।
फिटिंग। सिलाइयों के दबाव, अतिरिक्त दबाव और हेम
अलग से लिए जाने चाहिए। इसलिए 'पेपर-पैटर्न' को तैयार
नाप पर. काटिए और कपड़े पर ड्राफ्टिग करते समय मुख्य
रेखाओं के बाहर दबाव-रेखा बिन्दुओं में (........) बनाइए।
इस तरह सहायक लाइनें हलकी, मुख्य लाइनें गहरी और
दबाव-लाइनें बिन्दुओं में होने से कटाई में भूल होने की
संभावना नहीं रहेगी तथा सीते समय भी बार-बार नापना नहीं
पड़ेगा।
से तह करना चाहिए, ताकि निशान सीधी ओर न दिखाई दें।
कपड़े को हमेशा पहले चौड़ाई में तह करें, फिर लंबाई में।
परन्तु आस्तीनों को ड्राफ्ट करते समय कपड़े को पहले लंबाई
में व फिर चौड़ाई में तह करना चाहिए। यह अभ्यास न रखने
पर काटने में गलती हो सकती है। जैसे दोनों ओर सामने का
मुड्ढा गहरा कटना चाहिए, पर तह गलत होने पर एक भाग
पीछे का व एक सामने का गहरा कट सकता है और आस्तीने
दोनों ही एक तरफ की बन सकती हैं।
का प्रिंट एक दिशा में है या धारीदार कपड़े में आड़ी-टेढ़ी
रेखाओं में डिजाइन बनाना है तो 'पेपर-पैटर्न' की सहायता से
ड्राफ्टिग और कटाई करनी चाहिए; अन्यथा गलती हो सकती
है। फैशन डिजाइनों में, विशेष रूप से रंगीन नमूनों और
योक-नमूनों में तो 'पेपर-पैटर्न' बनाकर ही काटना चाहिए,
ताकि मध्य-जोड़ों पर दोनों ओर सिलाई के भाग का सही
अनुमान लगाया जा सके। जब कपड़ा कम दिखाई दे, तब भी
'पेपर-पैटर्न' की सहायता से 'ले-आउट' करके हिसाब
निकालने में आसानी होगी। अतः ऐसे सभी वस्त्रों में सीधे
कपड़े पर ड्राफ्टिग नहीं करनी चाहिए।
पहले धिक कर लें, फिर इस्तरी से जमाएं। रेशमी कपड़े को
भी इस्तरी से जमाकर बिछाएं कि काटते समय सभी तहें
बराबर आएं और कपड़ा खराब न हो। यदि सूती कपड़ा धिक
नहीं किया गया है तो दबाव के हिस्से बढ़ाकर रखिए। बच्चों
के वस्त्रों में भी यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि वस्त्र छोटा
पड़ने पर खोलकर ठीक किया जा सके।
टेबल पर या समतल जमीन पर बिछाइए। कैंची चलाते समय
भी कपड़े को जमीन पर या मेज, या तख्ते पर जमा रहने
दीजिए। उसे हाथ में लेकर कभी नहीं काटना चाहिए।
गले का भाग बाईं ओर सामने तथा घेर दाईं ओर रखना
चाहिए और नेकर, पैंट, पाजामे आदि का ड्राफ्ट बनाते समय
मोहरी बाईं ओर व आसन का भाग दाईं ओर सामने रखना
चाहिए। इस तरह कपड़ा रखने से आप सही ढंग से सही कटाई
का अभ्यास कर सकेंगे
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